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२५,२६, २७ दिसम्बर स्वामी विवेकानन्द ने कन्याकुमारी मे विशेषरुप से भारत पुनरउत्थान को लेकर ध्यान किया था, इस उपलक्ष मेे विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, महाराष्ट्र की ओर से २५ दिसम्बर २०१९ से २९ दिसम्बर २०१९ के बीच में युवा नेतृत्व विकास शिबिर का आयोजन नाशिक में अंजनेरी पर्वत के चरणों मे रहे ब्रम्ह वैली महाविद्यालय के प्रांगण में किया गया।

शिबिर में महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों से 333 युवा सहभगि हुए। भाइयो के 9 गण तथा बहनो के 6 गण ऐसे विभागीय रचना की गयी। शिबिर के उद्घाटन समारोह में ब्रम्हवैली शिक्षा संस्थान के श्री. राजाराम पानगव्हाने जी, महाराष्ट्र प्रान्त संघटक विश्वास जी लपालकर एवम शिबिर प्रमुख मदगोण्डा पुजारी जी आदि प्रमुख उपस्थित रहे। उद्घटान के उपलक्ष में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रमेश नेवाले जी ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्तिमत्व विकास के कुछ मन्त्र साझा किए।

महाराष्ट्र मे युवा नेतृत्व विकास शिबिर

शिबिर के दूसरे दिन की शुरुआत आ.विश्वास जी के "स्वामीजी के सपनो का भारत" इस विषय पर भाष्य करते हुए हुई.. स्वामी जी का ध्यान, भारत भ्रमण, स्वामी जी को युवाओं से अपेक्षा इन विषयो पर खास ध्यान दिया । दोपहर विजयक्षण में संजय जी कुलकर्णी जी ने "संघटनात्मक कार्य, कुशलता और उपलब्धियां" इन विषयों पर बौद्धिक मार्गदर्शन किया। दिन के सभी सत्र जैसे भोजन सत्र, गीत अभ्यास, भजन संध्या आदि सारे कार्यकर्ताओ के आपसी तालमेल और कुशलता पूर्वक नियोजन से सहजता से पूर्ण हुए। शिबिर के दूसरे दिन अभय जी बापट इन्होंने "एकनाथ जी कौन ?" इस विषय पर तथा द्वितीय सत्र में सुलेविले चक्रवर्ती जी इन्होंने "जगद्गुरु भारत के सामने चुनौतियां" इस विषय पर मार्गदर्शन किया और विषय को सहज एवम उत्साहपूर्वक स्वर में युवाओं के सामने रखा। विजयक्षण के उपलक्ष्य में CA तथा IAS आर.रामकृष्णन जी इन्होंने कष्ट का महत्व समझाया । शिबिर के चौथे दिन की सुबह नरेंद्र जोशी जी ने एकता, संयम तथा पवित्रता का विस्तृत रूप में मार्गदर्शन किया तथा किरण कीर्तन जी ने "एक भारत विजय भारत" की संकल्पना द्वितीय सत्र में समझाई। विजयक्षण के उपलक्ष्य में आ.भानुदास जी ने समाज प्रथम की भावना को सहज शब्दो मे समझाया और देश के लिए साधन मात्र जीवन आदर्श जीवन कैसे है यह भी समझाया ।

शिबिर के अंतिम दिन याने पांचवे दिन बसवराज जी देशमुख तथा प्रकाश पाठक जी ने केंद्र कार्य तथा सूर्यदेवता पर मार्गदर्शन किया। शिबिर के अंतिम दिन में सुबह 6 बजे अंजनेरी पर्वत जो हनुमान जी का जन्मस्थान बताया जाता है वहां पर्वत के चरणों मे सूर्यनमस्कार महायज्ञ का आयोजन कोय गया जहाँ कुल 470 कार्यकर्ताओ ने मिलकर सामूहिक 108 सूर्यनमस्कार का महायज्ञ किया। शिबिर में केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक, विवेकानंद केंद्र मराठी प्रकाशन विभाग के सरचिटणीस श्रीमती नीलिमा ताई पवार इनकी भी उपस्थिति रही।

प्रातःस्मरण, भजनसंध्या, केंद्रवर्ग, श्रमसंस्कार, संस्कार वर्ग, गणचर्चा, मंथन इन सत्रो से शिबिरार्थीओ में आपसी संवाद तथा एक दिशादर्शन भी हुआ।

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