विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा जबलपुर द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास, सांस्कृतिक जागरण तथा नैतिक मूल्यों की शिक्षा के उद्देश्य से एक विशेष व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला 6 से 14 वर्ष की आयु के बालकों एवं बालिकाओं के लिए विजयनगर स्थित कॉम्पटीशन जी एस मंत्रा में आयोजित की जा रही है।
शिविर के प्रथम दिन का शुभारंभ भारत माता वंदन और ओंकार प्रार्थना से हुआ, जिससे वातावरण में एक अद्भुत दिव्यता और ऊर्जा का संचार हुआ। मुख्यवक्ता श्री अभिनेष कटेहा 'अटल' ने संवादात्मक प्रश्नोत्तर शैली में बच्चों को पुण्यभूमि, त्यागभूमि, और कर्मभूमि भारत की अवधारणाओं से परिचित कराया। उन्होंने समझाया कि भारत केवल एक भौगोलिक सीमा नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक शक्ति है, जिसने पूरी दुनिया को अध्यात्म, सेवा, त्याग और सहिष्णुता का मार्ग दिखाया है।
मुख्य अतिथि श्रीमती प्रीति सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम परिवार, समाज और अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं, तो जीवन की अनेक जटिलताओं से सहज रूप से उबर सकते हैं। उन्होंने बच्चों को अच्छे संस्कारों को आत्मसात करने और अपने कर्तव्यों को समझने के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला के दौरान बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरणादायक जीवन प्रसंग कहानियों और गतिविधि आधारित विधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए, जिससे उनमें देशभक्ति और कृतज्ञता की भावना जागृत हुई। साथ ही टीम बिल्डिंग और स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले खेलों का भी आयोजन किया गया।
आगामी दिनों में शिविर के अंतर्गत बच्चों को स्वस्थ एवं स्वच्छ जीवनशैली, मोबाइल की लत से मुक्ति, मानसिक और शारीरिक विकास, और परिवार में सकारात्मक संवाद जैसे जीवनोपयोगी विषयों पर प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन दिया जाएगा। इन सत्रों का संचालन अनुभवी प्रशिक्षकों, बाल मनोवैज्ञानिकों और प्रेरक व्यक्तित्वों द्वारा किया जाएगा।
साथ ही बच्चों को स्वामी विवेकानन्द, सिस्टर निवेदिता, अरुणिमा सिन्हा, और रानी दुर्गावती जैसे महान व्यक्तित्वों की कहानियाँ रोचक शैली में सुनाई जाएँगी, जिनसे वे आत्मबल, सेवा, समर्पण और साहस की प्रेरणा प्राप्त करेंगे। खेल, कहानियाँ, और गीतों के माध्यम से बच्चों में नेतृत्व, अनुशासन, सहयोग, और आत्मविश्वास जैसे गुणों का विकास किया जाएगा।
शिविर के समापन दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बच्चे अपनी सीखी गई बातों की प्रस्तुति देंगे और अभिभावकों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
यह कार्यशाला विवेकानन्द केन्द्र के “मनुष्य निर्माण से राष्ट्र निर्माण” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है, जिससे भावी पीढ़ी को संस्कारित, जागरूक और कर्तव्यनिष्ठ नागरिकों के रूप में तैयार किया जा सके।