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patronहमारे देश में कहीं भी विविधता नहीं है अपितु एकता ही दिखाई देती है। भारतीय संकल्पना ही कर्म के माध्यम से ईश्वर को प्राप्त करने की है और यह कर्म यदि कहीं एकात्मता से किया जा सकता है तो वह विवेकानन्द केन्द्र ही है। ईश्वर प्राप्ति की दिशा में पहला कदम स्वयं को जानना है और स्वयं को जानने के उपरांत राष्टं की संकल्पना समझ में जा सकती है और उसी से हमें धर्म की सही परिभाषा का ज्ञान हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक ध्येय होना चाहिए

विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी पटना शाखा द्वारा दायित्वग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री रामदत्त चक्रधर जी (क्षेत्र प्रचारक),और श्री रामनोमी जी (प्रांत प्रचारक) उपस्थित रहे कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री रामदत्त चक्रधर जी नें कहा की जिस प्रकार मा.

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