विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की अजमेर शाखा द्वारा आज दिनांक 4 मई तक कोरोना वायरस के कारण दीन एवं
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की अजमेर शाखा द्वारा आज दिनांक 4 मई तक कोरोना वायरस के कारण दीन एवं
संस्कारवान एवं सशक्त नारी ही समर्थ समाज और विकसित राष्ट्र का आधार हो सकती है। इसके लिए देश के प्राचीन गौरव और संस्कारों के प्रति निष्ठा एवं आधुनिक समाज व्यवस्था के साथ तालमेल सीखने की आवश्यकता है। भारतीय जीवन में स्त्री ही मूल्यों एवं परंपराओं को आधुनिकता के साथ जोड़ने की महत्वपूर्ण कड़ी है किंतु फैशन की चकाचैंध में उसका यह नैसर्गिक गुण प्रकट नहीं हो पा रहा है।
नगर प्रमुख अखिल शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर गीता पर आधारित प्रश्नोत्तरी का संचालन महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के योग विभाग के डाॅ0 लारा शर्मा ने किया।
बचपन से जिन संस्कारों को मानव अपनी आदतों में ढाल लेता है वही संस्कार उसका स्वभाव बन जाते हैं। अच्छी आदतों को किशोरावस्था में ही अंगीकार कर लिया जाता है तो पूरा जीवन सफल और प्रभावी हो जाता है। जीवन में प्रोएक्टिव होना अर्थात पहल करना। जब हम अंतिम लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए कार्य करना सीखने लगते हैं तो कार्य की समझ, दूसरों के दृष्टिकोण का अनुभव तथा समूह में मिलकर कार्य करने जैसे गुण स्वमेव ही विकसित होने लगते है।