विश्व बन्धुत्व दिन के उपलक्ष्य में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा नाशिक द्वारा युवाओं के लिये राष्ट्रीय कीर्तनकार श्री चारुदत्त आफळेजी की कार्यशाला का आयोजन किया गया। शनिवार दि.15 सप्टेंबर को शंकराचार्य संकुल मे तीन सत्रों में मा. आफळेबुवाने ‘दोन युवा राष्ट्र निर्माते राजे शिव छत्रपती व स्वामी विवेकानन्द’‘ इस विषयपर मार्गदर्शन किया। साधना के साथ साथ सामर्थ्यवान होना भी आवश्यक है ऐसे छत्रपती शिवराय और स्वामी विवेकानन्द दोनो ने बताया है।
विश्वबंधुत्व दिना निमित्त विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा नाशिक तर्फे नानाराव ढोबळे सभागृह,शंकराचार्य संकुल येथे श्री.शशिकांत मांडके, पुणे यांच्या व्याख्यानाचा कार्यक्रम 9 सप्टैंबर 2012, आयोजित केला होता. विश्वबंधुत्वाची भावना आपल्या भारतीय संस्कृती मध्ये पुरातन काळापासुन रुजलेली आहे. चराचरात परमेश्वराचे अस्तित्व आहे. फक्त आपलाच धर्म नाही तर सर्वच धर्म श्रेष्ठ आहेत.
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा नागपुर की ओर से नागपुर से 65 किमी पर स्थित स्वामी विवेकानन्द विद्यालय (देवालापार) सुरम्य परिसर में दिनांक 5 से 9 जून 2012 की अवधि में विद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिये व्यक्तित्व विकास शिविर (निवासी) किया गया | इसमें 70 शिविरार्थियों ने भाग लिया। इस चार दिवसीय निवासी व्यक्तित्व विकास शिविर में बच्चों के बौद्धिक विकास के लिये भारत जागो-विश्व जगाओ, स्वामी विवेकानन्द की भारत भक्ति, ऐसे बनें हम भी, संस्कार वर्ग क्यों और कैसे ? इन विषयों पर श्री लखेशजी, सुश्री प्रियंवदाताई पांडे, सौ. क्षमाताई दाभोड़कर, डॉ. श्री मोरेश्वरजी इन विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
कार्यकर्ताओं के कौशल्य का विकास एवं संगठनात्मक कार्य के वृद्धि हेतु विवेकानन्द केन्द्र, शाखा-नागपुर द्वारा स्थानिय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया । शिविर स्वामी विवेकानन्द की १५० वीं जयन्ती (स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती) के उपलक्ष्य में "सदा विवेकानन्दमयम" के विषय पर आधारित था ।