महान आत्माओं का परिचय उनके कार्य से ही पता चलता है। जगत के हित के लिए किया गया कार्य ही आत्मा का मोक्ष होता है। बल संख्या या अर्थ से नहीं आता है बल्कि बल आत्मा से ही आता है। शक्ति का एकमात्र स्रोत आत्मा है। जीवन का पाठ कंठस्थ करने से नहीं बल्कि जीवन में उसे उतारने से याद होता है। स्वामी विवेकानन्द ने ईसाई व इस्लाम का गहन अध्ययन किया। रिलीजन का अनुसाद धर्म नहीं है।