अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू ने मंगलवार, दिनांक १३ मई, २०२५ को भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एल.ए.सी.) से ८ किलोमीटर दक्षिण में स्थित काहो में स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हनुमन्तरावजी, काहो में अरुणाचल प्रदेश के मंत्रिमंडल के सदस्य, विवेकानन्द केन्द्र अरुणाचल प्रदेश ट्रस्ट के श्री रूपेश माथुरजी, विवेकानन्द केन्द्र विद्यालय (वि.के.वि.) के पूर्व छात्रों और स्थानीय समुदाय की गरिमामयी उपस्थिति रही। काहो में प्रतिमा की स्थापना का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रीय चेतना और सेवा की भावना को जगाना है।
हमारे महान राष्ट्र के अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सीमा पर, प्रथम गांव के रूप में उल्लेखनीय है। काहो में स्वामीजी की प्रतिमा का होना यह स्वामीजी के प्रति मात्र श्रद्धा का प्रतीक नहीं है वरन इसमें एक गहरा सन्देश है। इस प्रतिमा के माध्यम से शक्ति, सेवा और आध्यात्मिक जागृति का सन्देश को भारत के अन्तिम छोर तक पहुँचाना है। सीमा पर बसा काहो अब स्वामीजी के शाश्वत पुकार को प्रसारित करेगा - “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” विवेकानन्द केन्द्र, अरुणाचल प्रदेश में परिवर्तनकारी शिक्षा का एक प्रकाश स्तम्भ है, जो स्वामीजी के आदर्शों के साथ लोगों के मन को पोषित करता आ रहा है। यह प्रतिमा पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करेगी, जो हमें सतत स्मरण कराएगी कि सच्ची देशभक्ति हमारे गांवों, हमारे लोगों और हमारे मूल्यों के उत्थान से शुरू होती है।
विवेकानन्द केन्द्र राज्य में शैक्षिक विकास को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। स्वामी विवेकानन्द के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य में आध्यात्मिक जागरण, सांस्कृतिक मूल्यों के जतन, चरित्र-निर्माण, शिक्षा और सामुदायिक सेवा के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण के कार्य निरन्तर गतिमान है। इस अवसर पर मान्यवरों ने विशेष रूप से दूरदराज और संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में एक मजबूत, आत्मनिर्भर और आध्यात्मिक रूप से निहित समाज को बढ़ावा देने में स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों की प्रासंगिकता पर जोर दिया।