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विवेकानंद केंद्र के संस्थापक मा. एकनाथजी रानडे इनका १०० वा जन्म दिवस १९ नवम्बर २०१४ से चल रहा है, इस पर्व को केंद्र मा. एकनाथजी जन्म शती पर्व के नाम से मना रहा है। अतः इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र राजेंद्र नगर विस्तार में परिपोषक सम्मलेन का आयोजन किया गया। सम्मलेन में मुख्य रूप से विवेकानंद केंद्र के माननिय प्रान्त प्रमुख श्री भवरसिंह राजपूत व माननिय प्रान्त संचालक श्री मनोहर देव उपस्थित थे। श्री राजपूत जी ने मुख्य उद्बोधन में परिपोषक योजना की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए बताया की भारत यह राष्ट्र के रूप में खड़ा होना है अतः उसके लिए मा. एकनाथजी ने बताये हुए आदर्श समाज रचना की और प्रयास रत रहना होगा अतः केंद्र कार्य यह इस सामूहिक प्रयास एक अंग है। महाभारत के भीष्म पर्व का उल्लेख करते हुए व्यवस्थाओं का निर्माण कैसे हुआ यह बताया। मंथन सत्र में कार्यकर्ताओं ने अपने क्षेत्र में संस्कार वर्ग को कैस प्रारंभ कर सकते है इस पर चर्चा हुयी तथा संस्कार वर्ग और उसकी आवश्यकता पर चिंतन हुआ। खेल सत्र में सृजन दंड, हाथी घोडा पालकी और बाधाये यह खेले गए। समापन सत्र में माननीय प्रान्त संचालक श्री मनोहर देवजी ने संस्कार वर्ग का आवाहन किया।

सम्मलेन में कुल ५० परिवार ने भाग लिया। कन्याकुमारी में होने वाले शिविर आध्यात्मिक शिविर, योग शिविर तथा इंदौर नगर में योग सत्र की जानकारी से अवगत काराया गया। सम्मलेन में साहित्य का लाभ सभी कार्यकर्ताओं ने लिए व सहभोज के साथ कार्यक्रम को विराम दिया गया।

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