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स्वामी विवेकानन्द सार्धशती (150वीं जयन्ती) समारोह पूरे देष में 12 जनवरी 2013 से 12 जनवरी 2014 तक मनाया जाएगा। आज जब राष्ट्र आध्यात्मिक, बौद्धिक, सामाजिक, राजनैतिक तथा राष्ट्रीय उदासीन्य और दुविधा के चैराहे पर खड़ा है तब उससे छुटकारा पाने तथा प्रेरणा प्राप्त करने के लिए यह समारोह एक सक्षम अवसर का लाभ देने वाला है।

स्वामी विवेकानन्द सार्धशती (150वीं जयन्ती) समारोह पूरे देष में 12 जनवरी 2013 से 12 जनवरी 2014 तक मनाया जाएगा। आज जब राष्ट्र आध्यात्मिक, बौद्धिक, सामाजिक, राजनैतिक तथा राष्ट्रीय उदासीन्य और दुविधा के चैराहे पर खड़ा है तब उससे छुटकारा पाने तथा प्रेरणा प्राप्त करने के लिए यह समारोह एक सक्षम अवसर का लाभ देने वाला है।

राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होने वाले इस भव्य समारोह के आयोजन हेतु अखिल भारतीय स्तर पर ‘स्वामी विवेकानन्द सार्ध षती समारोह समिति’ का गठन हो चुका है। हमें उल्लेख करने में अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर इस समारोह समिति की अध्यक्षता परमादरणीय माता अमृतानन्दमयी देवी ने स्वीकार करके हम सबको उल्लासित किया है तथा भारतीय संसद के भूतपूर्व कार्यवाह माननीय सुभाषजी कष्यप इस समिति के कार्याध्यक्ष पद का निर्वहन करेंगे। इन दोनों श्रेष्ठ अधिकारियों के हम आभारी हैं।

अपने समाज के महत्वपूर्ण विचारक, आध्यात्मिक क्षेत्र के नेतागण एवं स्वामी विवेकानन्द के विचारों के प्रषंसक - ऐसे महानुभावों का तथा सामाजिक संगठनों के जाने-माने गणमान्य व्यक्तियों का इस समिति में सहयोगी होने का आह्वान किया गया है। इसके लिए सभी वर्गों से उत्साहवर्धक प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है।

देश के अधिकाधिक जनसमूह तक स्वामीजी का प्रेरणादायी संदेष पहुँचाने हेतु ‘स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति’ के तत्वाधान में यह भव्य समारोह मनाया जाएगा। इस समारोह का  सन्देश होगा ‘भारत जागो! विश्व जगाओ!!’

हमें पूरा विश्वास है कि स्वामी विवेकानन्द की सार्धशती बहुत ही औचित्यपूर्ण अवसर है जिसके माध्यम से भारतीय समाज की क्षमताएँ और दायित्व को जगाकर विष्व को जगाने का प्रयास सफल होगा।

इस भावना के अनुसार सामाजिक समरसता का उद्देष्य सामने रखकर पाँच आयामों के माध्यम से कार्यक्रमों की योजना समिति द्वारा की जा रही है, जो निम्नानुसार है -

1.युवाशक्ति आयाम - विश्व की सबसे बड़ी युवाशक्ति का सहभाग और राष्ट्र के प्रति उसका रचनात्मक उपयोग हेतु कार्यक्रम

2.सम्वर्धिनी आयाम - महिलाओं का समाज के सभी क्षेत्रों में सहभाग बढ़े और क्षमताओं का विकास हेतु कार्यक्रम

3.ग्रामायण आयाम - ग्रामीण भागों के विकास के प्रति योगदान बढ़ाना और सर्वांगीण विकास  हेतु कार्यक्रम।

4.अस्मिता आयाम - भारत की जनजातियों की सनातन मान्यताओं और संस्कृति के सम्मान, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कार्यक्रम।

5.प्रबुद्ध-भारत आयाम - राष्ट्र उत्थान हेतु देश के विचारक और बौद्धिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की सहभागिता द्वारा विविध विषयों पर विमर्ष, परिचर्चा, गोष्ठियों इत्यादि का आयोजन।

इन आयामों के साथ देष के प्रमुख केन्द्र स्थानों पर राष्ट्रीय स्तर की परिचर्चाओं के भी आयोजन होंगे।

इन सभी कार्यक्रमों के अतिरिक्त विवेकानन्द जयन्ती पर शोभायात्रा, सामूहिक सूर्यनमस्कार, भारत जागो दौड़, गृह सम्पर्क, प्रदर्षनी, प्रतियोगिता, युवा सम्मेलन, मातृ सम्मेलन आदि के भी आयोजन हांेगे।

राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले केन्द्रीय कार्यक्रम

150वीं जयन्ती समारोह के षुभ अवसर पर केन्द्रीय समारोह समिति द्वारा दिनांक 11 जनवरी 2013 को (विवेकानन्द जयन्ती) दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम से षुभारम्भ होगा। यह कार्यक्रम परम आदरणीय माता अमृतानन्दमयी देवी, परम श्रद्धेय दलाई लामा, रामकृष्ण मिशन के परम श्रद्धेय स्वामी गौतमानन्दजी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालक मोहनरावजी भागवत, चिन्मय मिषन के परम श्रद्धेय स्वामी निखिलानन्दजी, विवेकानन्द केन्द्र के अध्यक्ष माननीय पी. परमेष्वरन्जी और अन्य प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा।

समस्त भारतवर्ष के सभी राज्यों में राज्य समारोह समिति का गठन हो रहा है जिसमें राज्यों के गणमान्य व्यक्तियों का सदस्य के रूप में अन्तर्भाव होगा। इसी श्रृंखला में राजस्थान के प्रमुख संत एवं महन्तगण मार्गदर्शक रहेंगे।

स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति, राजस्थान

अध्यक्ष:      श्री मिट्ठालाल मेहता, पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार

उपाध्यक्ष:    श्री अशोक ओडरानी - प्रमुख व्यवसायी, समाजसेवी एवं प्रमुख न्यासी मोनीलेक अस्पताल, जयपुर

उपाध्यक्षः    श्री घनश्याम ओझा, उद्योगपति, जोधपुर

उपाध्यक्षः    श्री आर. के. वर्मा., शिक्षाविद्, कोटा

सचिवः        डा. जसविन्दर सिंह, चिकित्सक, ब्यावर

कोषाध्यक्षः   श्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता, सेवानिवृत्त मुख्य प्रबन्धक बैंक, जयपुर

सदस्यः       न्यायमूर्ति सुरेन्द्रनाथ भार्गव, पूर्व राज्यपाल सिक्किम, जयपुर

सदस्यः       श्री देवेन्द्र जोषी, उद्योगपति, जोधपुर

सदस्यः       श्री दामोदर मोदी, प्रमुख समाजसेवी, जयपुर

सदस्यः       श्री ओमप्रकाश मोदी, प्रमुख समाजसेवी एवं निदेषक, ओ. के. प्लस ग्रुप, जयपुर

सदस्यः       प्रो. अमितवा बाबी मित्रा, उपकुलपति, वि.आई.टी. विष्वविद्यालय, जयपुर

सदस्यः       श्री अषोक गदिया, अध्यक्ष, मेवाड़ विष्वविद्यालय, चितौड़गढ़

सदस्यः       डा प्रदीप शारदा, सेवानिवृत, निदेशक, चिकित्सा स्वा. एवं परिवार कल्याण विभाग,         राजस्थान सरकार, जयपुर

सदस्यः       श्री अशोक कोठारी, प्रमुख समाजसेवी एवं उद्योगपति, भीलवाड़ा

सदस्यः       प्रो. डा. संगीता सक्सेना, सेवानिवृत, रेडियोलोजी विभाग, कोटा

सदस्यः       सुथार श्री शंकरलाल धीरा जी गहलोत, प्रतिष्ठित उद्योगपति, चांणोद पाली

सदस्यः       एडवोकेट कुलवन्त सिंह सन्धू, श्री गंगानगर

सदस्यः       श्रीमति सुषमा बिस्सा, प्रसिद्ध पर्वतारोही, बीकानेर

सदस्यः       श्री पी. एन. रछोया, सेवानिवृत, पुलिस महानिरीक्षक, जयपुर

सदस्यः       बद्रीलाल चैधरी, पूर्व उपकुलपति, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर

सदस्यः       श्री देवेन्द्र सालेचा, उद्योगपति, जोधपुर

सदस्यः       श्री गोपाल सैनी, प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय धावक, जयपुर

सार्द्धषती के दौरान आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम

1ण्राजस्थान में 12 जनवरी 2013 के षुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर राज्य के ग्रामीण एवं षहरी अंचल में कुल 25000 षोभायात्राओं का आयोजन होगा।

2ण्18 फरवरी 2013 को राज्य के विद्यालयो के छात्र-छात्राओ द्वारा सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन होगा जिसमें 10 लाख से अधिक प्रतिभागी रहेंगे।

3ण्11 सितम्बर 2013 को विष्व बन्धुत्व दिवस के उपलक्ष में महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं युवाओं द्वारा भारत - जागो दौड़ का आयोजन पूरे प्रदेष में अनेक स्थानों पर होगा।

4ण्षहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर सम्पर्क होगा जिसमें 35 लाख घरों में स्वामी विवेकानन्दजी का चित्र निःषुल्क दिया जाएगा।

अतः आप सभी पत्रकार बन्धुओं से नम्र निवेदन है कि व्यक्ति निर्माण एवं राष्ट्रोत्थान के इस परम पुनीत कार्य में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए जनजन तक स्वामी विवेकानन्द के पवित्र संदेष को पहुंचाने में इस समारोह समिति का सहयोग करे। आपका यह सहयोग लोकजागरण हेतु किए जा रहे इस राष्ट्रयज्ञ में महत्वपूर्ण आहूति सिद्ध होगा, ऐसा हमारा विष्वास है।

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