धार, प्रकृति का रक्षण, सभी की जिम्मेदारी है तथा यह कार्य जैविक कृषि उपायों से ही संभव है। यह उद्गार प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक अजित केलकर ने यहाँ विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी शाखा धार की व्याख्यानमाला में व्यक्त किये। राष्ट्रीय युवा दिवस पर श्री केलकर ने "आधात्मक प्रेरित सेवा एवं वैदिक कृषि चिंतन" विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि प्रकृति का ज्ञान सरल व सहज है।