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Wake up Bharat! Light Enlighten the world!! Mahashibir - Kanyakumari12 जनवरी 2013 से भारत के प्रेरणापुरुष स्वामी स्वामी विवेकानंद जयंती के सार्ध शती समारोह वर्ष का प्रारंभ हो रहा है। इस समारोह के पूर्वतयारी के लिए कन्याकुमारी के विवेकान्द केंद्र मुख्यालय - विवेकानंदपुरम में  भारत जागो ! विश्व जगाओ !! महाशिबिर का आयोजन हुआ।
उत्तर भारत के २२ राज्य से 676 युवक युवती सहभागी।
शिबिर दायित्ववाली चमू - 230

शिबिर कालावधी - 12 अक्तूबर से 15 अक्तूबर

Samvardhini 20 June 2012 विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े ने आज यहाँ कहा है कि स्त्री परिवार समाज और राष्ट्र की मुख्य धुरी होती है, उसके बिना विकास की कल्पना ही निरर्थक है। माँ के रूप में वह बालक को जो संस्कार देती है उन्हीं से बालक महान, तेजस्वी और युगनिर्माता बनते है।

Vivek Vichar 17 Juneविवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े ने कहा है कि पश्चिम केंद्रित सभ्यता के कारण व्यक्ति भोगवाद और अनैतिकता की ओर अग्रसर हो रहा है, जिसके कारण वहाँ के समाज और व्यक्तियों में अपूर्णता, अतृप्ति,निराशा  तथा विघटन की भावना भर गई है। इस स्थिति से उसे भारत ही उबार सकता है।

Renu Literary Culture Exhibition reception Ajmerअजमेर में लोगों संस्कृति रेणु के प्रति भारी उत्साह, ३००० से अधिक लोगों ने दो दिनों में साहित्य प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

ईश्वर को प्राप्त करने के लिए संसार में अनेकानेक मार्ग हैं किंतु वेदान्त में ईश्वर कहता है कि कोई भी किसी भी मार्ग से मुझे भजे उसमें ही वह विलीन हो जाता है। स्वामी विवेकानन्द अपने समय से पूर्व के न केवल भारत अपितु सारे विश्व के समस्त दार्शनिकों, संतों, विचारकों की आभा जो समस्त मानवजाति का कल्याण करने के लिए कार्यरत है, को प्रकट करने वाले दिव्य रत्न हैं। रंग, लिंग, जाति, वर्ण, भाषा, भूषा तथा प्रान्त की बात नहीं, इन सभी से उपर उठकर प्रत्येक मनुष्य के भीतर परमात्मा के अंश का प्रकटीकरण का प्रयास करने वाला कोई दूसरा रत्नशिरोमणि विवेकानन्द के अलावा इस संसार में दूसरा कोई नहीं है।

Shri Dipak Chakravarty, MD, NRL inaugurating the NRL Conference Hall at the VKICआई.बी. के पूर्व प्रमुख तथा विवेकानन्द इंटरनेशनल फाउण्डेशन के निदेशक श्री अजीत ङोवाल ने कहा है कि आज आंतरिक सुरक्षा देश के लिये प्रमुख समस्या बन गई है पर उससे निपटने के लिए हमारी जैसी तैयारियां होनी चाहिए उसका अभाव है उन्होने कहा कि सांस्कृतिक एवं एतिहासिक जड़ों पर कुठाराघात करके न तो देश को सुरक्षित किया जा सकता है और न ही सबल राष्ट्र की संकल्पना की जा सकती है ।

Samskruti renu ratha a mobile libraryस्वामी विवेकानन्द के साहित्य और विचारों को जन जन तक, प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए संस्कृति-रेणु भारतीय संस्कृति तथा साहित्य चल प्रदर्शनी को एक पुस्तकालय का रूप भी  दिया गया है। जिसमें स्वामी विवेकानन्द के साहित्य को भली भांति प्रदर्शित किया गया हैं। १८ फ़रवरी, शनिवार को गोविंददेवजी मंदिर के सत्संग भवन में विवेकानंद केन्द्र राजस्थान की ओर से आयोजित ’’संस्कृति-रेणु’’ वाहन के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए विवेकानंद केन्द्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा. बालकृष्णन ने कहा कि केन्द्र का उद्देष्य भारतीयों को संगठित कर उनमें आत्मिक शक्ति पैदा करना है। केन्द्र शिक्षा, ग्रामविकास, स्वास्थ्य, योग एवं सूर्य नमस्कार के माध्यम से देश की युवापीढ़ी को जागृत करने का काम कर रहा है।

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