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११ सितम्बर स्वामी विवेकानंद का विश्व बंधुत्व दिवस (शिकागो व्याख्यान) विवेकानंद केंद्र द्वारा प्रति वर्ष  मनाया जाता है | इस वर्ष विवेकानंद केंद्र के संस्थापक मा. एकनाथजी रानडे इनका १०० वा जन्म दिवस १९ नवम्बर २०१४ से प्रारंभ होने जा रहा है, इस पर्व को केंद्र मा. एकनाथजी जन्म शती पर्व के नाम से मना रहा है | अतः  इस अवसर पर पुरे देश में केंद्र युवाओं के बिच महाविद्यालयों में “सफल युवा युवा भारत” इस अभियान के तहत संकल्प और सफलता यह विषय कथा विवेकानंद शिला स्मारक के माध्यम से पहुचायेंगा |

कार्यक्रम में “सफल युवा युवा भारत” पुस्तक का विमोचन विवेकानंद केंद्र के मध्य प्रान्त संचालक श्री मनोहर  देव व मुख्य अतिथि डॉ सुब्रतो गुहा जी के हस्ते किया गया | डॉ सुब्रतो गुहा जी अपने उद्बोध में स्वामी विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डालते हुए बताया की स्वामी विवेकानंद ने पश्चिम में मुख्य रूप से 4 बिन्दुओं पर विचार प्रकट किए थे जो की आज की मूल आवश्यकत बन गयी है |

१.विज्ञान के कुठाराघात का सामना,
२. भौतिक वाद का सामना,
३. नीतिओं की समस्या को सुलझाना,
4.धार्मिक अपवर्जित एवं विवादस्पद विचारों को रोकना |

नरेन्द्र से विवेकानंद का प्रवास याने मानव से महामानव का प्रवास है |
स्वामीजी हिन्दू धर्म के प्रतिनिधि करने शिकागो गए थे क्यों की व विश्व धर्म सम्मलेन था |
सबसे बड़ा ऐश्वर्य यह भारत के पास में है और वह है आध्यात्मिकता |
भौतिक रूप से स्वामीजी का निधन हुआ है परन्तु वे आज और आने वाले दिनों में भी साथ रहेंगे |
स्वामीजी का विचार यह भौगोलिक सीमाओं तक सिमिति नहीं हो सकता व तो विश्व के व मानव जाती के कल्यांण के है |
भारत ने कभी भी अन्य भूमि पर राज्य नहीं किया तो वह हमेशा से लोगों के रुदय जितने का काम करता रहा है |

स्वामीजी ने कहा की गर्व से कहो हम हिन्दू है आज इसके सन्दर्भ को समजने कि आवश्यकता है और वह है की जो व्यक्ति अपने धर्म पर गर्व करता है उसे कोई गुलाम नहीं बना सकता |आज स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात कर अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है और परिवार से यह सहज संभव होता है, दूसरा स्वामी स्वयं युवा थे और उनकी अधिक अपेक्षा युवाओं से थी अतः सफल युवा युवा भारत इस अभियान के अंतर्गत युवाओं ने जुड़कर राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देना है | श्री मनोहर देव जी ने विवेकानंद केंद्र का परिचय देकर केंद्र से जुड़कर राष्ट्र की सेवा करने का आवाहन किया | विवेकानंद केंद्र के नगर प्रमुख श्रीमती सुनयना बुग्दे ने मा. एकनाथजी जन्म शती पर्व की योजना बताई | कार्यक्रम का संचलन कु. रश्मि दीदी ने किया | विवेकानंद केंद्र का परिचय पि.पि.टी. द्वार डॉ. रविजी ने दिया |

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