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विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी , मध्य प्रान्त द्वारा आयोजित युवा भारत नेतृत्व शिविर 2022 में आप सभी का स्वागत है । शिविट रिपोर्ट पढ़ते हुए अत्यंत हर्ष से सूचित करना चाहता हूँ कि शिविर में पूर्ण उत्साह व मनोयोग से सभी शिविटार्थियों ने सहभागिता निभाई और 3 दिवस पूर्ण कर आज समापन सत्र में उपस्थित है । शिविर सम्बन्धी रिपोर्ट आपके समक्ष प्रस्तुत है । प्रान्त समिति द्वारा अप्रैल 2022 माह में शिविर का नियोजन किया गया । प्रान्त स्तरीय विशेष टोली का गठन किया गया जिनकी शिविर पूर्व कुल 09 बैठकों का आयोजन किया गया । शिविर संचालन चमू नें मध्य प्रान्त के अंतर्गत ग्वालियर , भोपाल , इंदौर , जबलपुर और छत्तीसगढ़ विभाग के अंतर्गत नगर समितियों के माध्यम से पंजीयन कराए गए अंतिम शिविरार्थी सूची के अनुसार कुल 55 शिविरार्थी इस शिविर में सहभागी हुए , जिसमें विवेकानन्द केन्द्र के कार्यकर्ता , दायित्ववान कार्यकर्ता एवं जन अभियान परिषद् के सदस्य शामिल है । प्रान्त के 18 जिलों से शिविटार्थी शामिल रहे । । संचालन चमू के कुल 24 सदस्यों ने शिविर परिसर की व्यवस्था सहित अन्य कार्यों में सहयोग किया शिविर की गतिविधियाँ प्रथम दिवस : शिविटार्थियों के पंजीयन , गण विभाजन , उदघाटन सत्र केन्द्र वर्ग , भजन संध्या और प्रेरणा सत्र का आयोजन किया गया । उदघाटन सत्र में विभाग प्रमुख श्री धर्मेन्द्र विपट जी ने शिविर की अवधारणा को स्पष्ट किया । प्रान्त संचालक श्री मनोहर देव जी ने शिविटार्थियों , वक्ताओं और संचालन चमू सहित उपस्थित विद्वतजनों का शिविर में स्वागत किया । अतिथि वक्ता श्री धीर गौर दास जी ने अर्जुन जैसी निष्ठा व पराक्रम द्वारा सफल युवा , समर्थ भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु शिविर के महत्त्व को रेखांकित किया । उज्जैन नगर निगम कमिश्नर श्री अंशुल गुप्ता जी ने एक अच्छे नागरिक गुणों के विकास हेतु स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों को आत्मसात करने का जोर दिया । विवेकानन्द केन्द्र के अखिल भारतीय महासचिव माननीय भानुदास जी ने शिविर के महत्त्व व हमारी शिक्षण प्रेरणा को केन्द्र में रखकर सीखने के गुण विकसित करने का आह्वान किया ।

द्वितीय दिवस : द्वितीय दिवस प्रातःस्मरण , केन्द्र वर्ग के पश्चात् प्रथम सत्र का आयोजन हुआ । कर्मयोग हमारी प्रेरणा विषय पर केन्द्रित कर श्री ओ.पी. श्रीवास्तव , अपर सचिव मध्य प्रदेश शासन ने भगवदगीता के सन्दर्भ में कर्मयोग का वैज्ञानिक महत्त्व स्पष्ट किया । मंथन सत्र में शिविटार्थियों ने देश को नुकसान पहुचाने वाले नेरेटिव के विषय पर चर्चा की । डॉ . निशांत खरे जी ने विभिन्न पहलुओं पर राष्ट्रविरोधी नेरेटिव पर चर्चा की और विषय प्रबोधन किया । शिविटार्थियों नें जन्मदिवस व प्रार्थना का मंत्राभ्यास किया । प्रेरणा सत्र के दौरान इंदौर जिले के प्रसिद्ध व्यवसायी श्री प्रसाद व्यास जी के साथ प्रश्नोत्तरी संवाद कार्यक्रम किया गया जिसमें प्रान्त संगठन मुश्री रचना दीदी ने युवाओं के मन में व्यवसाय प्रारंभ करने , चुनौतियों के विषय पर उठने वाले प्रश्नों का समाधान किया । विवेकानन्द केन्द्र के अखिल भारतीय महासचिव माननीय भानुदास जी ने अध्यात्म प्रेरित सेवा विषय पर हम सभी का मार्गदर्शन किया । केन्द्र वर्ग के पश्चात् भजन संध्या का आयोजन किया गया । राष्ट्रीय स्तर पर विवेकानन्द केन्द्र के कार्यों व प्रकल्पों का विवरण श्री मनोज गुप्ता जी में प्रेरणा से पुनरोत्थान पीपीटी के माध्यम से दिया । तृतीय दिवस : तृतीय दिवस प्रातः स्मरण , केन्द्र वर्ग , श्रम संस्कार के पश्चात प्रथम सत्र का आयोजन हुआ । विभाग संचालक श्री विभास उपाध्याय जी ने अमृत परिवार की संकल्पना को मूर्त रूप देने में हमारे प्रयासों को रेखांकित किया । करणीय कार्यों पर विभागसह चर्चा सत्र आयोजित किया गया जिसमें शिविरार्थियों ने अपने अपने क्षेत्रों में जाकर कैसे सेवा कार्य को किया जाये , पर चिंतन किया । प्रान्त संगठक रचना जानी दीदी ने अपने कौशल , क्षमता और सामर्थ्य के अनुसार केन्द्र कार्यों में सहभागी बनने को प्रेरित किया । संस्कार वर्ग , आनंदालय संचालन , सोशल मीडिया कार्य , केन्द्र वर्ग और पूर्णकालिक सेवा कार्य जैसे विविध प्रकल्पों में सम्मिलित होने का आह्वान किया । समापन सत्र में मुख्य अतिथि श्री अखिलेश पाण्डेय , कुलपति - विक्रम विश्वविद्यालय , उज्जैन , श्री नितिन गरुड़ , डॉ . रश्मि कोलाढ़कर उपस्थित रहे । प्रान्त प्रमुख श्री भंवर सिंह राजपूत जी ने अतिथियों का अभिवादन करते हुए शिविर के महत्त्व को रेखांकित किया ।

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