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Sankalp Divas 25 dec 2012नागपुर। स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति की ओर से नागपुर महानगर के 8 स्थलों पर "संकल्प दिवस" मनाया गया। ज्ञात हो कि 25, 26 तथा 27 दिसम्बर 1892 में स्वामी विवेकानन्दजी ने कन्याकुमारी के समुद्र के मध्य स्थित श्रीपाद शिला पर बैठकर ध्यान किया था। स्वामी विवेकानन्दजी के इस राष्ट्रध्यान की स्मृति में इस दिन को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। स्वामी विवेकानन्दजी की 150वीं जयंती पर अधिकाधिक नगरवासी दायित्व लेकर कार्य करें, इस दृष्टि से नागरिकों से भागश: सम्पर्क किया गया ; जिनमें विविध क्षेत्रों में कार्यरत व्यवसायियों, कर्मचारी, विद्यार्थी, शिक्षक तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का समावेश था। सम्पर्कित नगरवासियों को नागपुर के विविध स्थानों पर आयोजित संकल्प दिन के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।

VK Dombivali Competitive examinationOver 2100 students from 42 schools participated in the competitive examination conducted by Vivekananda Kendra Dombivali Branch. The examination was based on the “Katha Vivekanandanchya” (Marathi) and “Incidents from the life of Swami Vivekananda”, and its prize distribution program was held on 8th December 2012 at Dombivali.

- देशभर में शोभायात्रा
- विदेशों में भी उपक्रम
- 4 करोड़ घरों में सम्पर्क का महाभियान
- 150 पुस्तकों का प्रकाशन
- 3 हजार गांवों में सामूहिक सूर्यनमस्कार
- देशभर में भारत जागो दौड़

स्वामी विवेकानन्द सन्देश यात्रा

आगामी वर्ष स्वामी विवेकानन्द की 150 वीं जयन्ती का महापर्व लेकर आ रहा है। इसअवसर विश्वभर में अनेक उपक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव को अधिक हेतुपूर्ण तथा रोचक बनाने के लिए भारतवर्ष में अनेक सुन्दर कराक्रमों की योजना है। इस श्रंखला की पहली कड़ी अर्थात स्वामी विवेकानन्द सन्देश यात्रा।

Universal brotherhood Day Program at Nashikविश्व बन्धुत्व दिन के उपलक्ष्य में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा नाशिक द्वारा युवाओं के लिये राष्ट्रीय कीर्तनकार श्री चारुदत्त आफळेजी की कार्यशाला का आयोजन किया गया। शनिवार दि.15 सप्टेंबर को शंकराचार्य संकुल मे तीन सत्रों में मा. आफळेबुवाने ‘दोन युवा राष्ट्र निर्माते राजे शिव छत्रपती व स्वामी विवेकानन्द’‘ इस विषयपर मार्गदर्शन किया। साधना के साथ साथ सामर्थ्यवान होना भी आवश्यक है ऐसे छत्रपती शिवराय और स्वामी विवेकानन्द दोनो ने बताया है।

Universal brotherhood Day Program at Nasikविश्वबंधुत्व दिना निमित्त विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा नाशिक तर्फे नानाराव ढोबळे सभागृह,शंकराचार्य संकुल येथे श्री.शशिकांत मांडके, पुणे यांच्या व्याख्यानाचा कार्यक्रम  9 सप्टैंबर 2012, आयोजित केला होता. विश्वबंधुत्वाची भावना आपल्या भारतीय संस्कृती मध्ये पुरातन काळापासुन रुजलेली आहे. चराचरात परमेश्वराचे अस्तित्व आहे. फक्त आपलाच धर्म नाही तर सर्वच धर्म श्रेष्ठ आहेत.

Universal brotherhood day at Nagpurस्वदेश, स्वधर्म, स्वाभिमान तथा स्वावलम्बन इन चार सूत्रों पर आधारित समाज व्यवस्था को सर्वोपरि मानने वाले स्वामी विवेकानन्द विश्व के आदर्शों में महानतम थे । स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि हमारा राष्ट्र देवता है और धर्म ही इसका प्राण है ।

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