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विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी बिहार-झारखण्ड प्रान्त की ओर से 'युवा नेतृत्व विकास अभियान' के तहत भागलपुर में पाँच दिवसीय आवासीय शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पटना, गया, भागलपुर, देवघर, राँची, जमशेदपुर, चांडिल और हजारीबाग जैसे 8 स्थानों से कुल 105 शिविरार्थी शामिल हुएँ जो कि एक दिवसीय कार्यशाला से चयनित होकर आये थे।

स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल, अमरपुर रोड, भागलपुर में 26 दिसम्बर की शाम को पंजीकरण एवं गणबैठक के साथ शिविर की शुरुआत हुई तथा 31 दिसम्बर 2022 के दोपहर आहुति सत्र से इसका समापन हुआ।

शिविर की दिनचर्या के तहत हर रोज सुबह में प्रार्थना और उसके बाद योग अभ्यास करवाया गया। गीता के कर्मयोगश्लोक का भी पाठ किया गया। अल्पाहार के बाद श्रमदान स्वरूप श्रम संस्कार और बाद में श्रम परिहार के लिए शिविरार्थियों के पास समय रहता था। पहले दिन उद्घाटन सत्र में डॉ. असीम कु. दास जी और अजीत अग्रवाल जी अतिथि स्वरूप उपस्थित रहें। बाकी अन्य दिन प्रथम सत्र के रूप में 'भारतीय संस्कृति', 'राष्ट्रभक्त सन्यासी स्वामी विवेकानन्द', 'राष्ट्र की चुनौतियाँ और प्रतिसाद' तथा 'मनुष्य निर्माण-राष्ट्र पुनरुत्थान' विषय पर क्रमशः सुरेश प्रसादजी, विजय वर्माजी और मा. विश्वास जी ने मार्गदर्शन किया।

स्वाध्याय वर्ग के रूप में 'हमारी पूण्यभूमि और उसका गौरवमय अतीत', 'एक जीवन एक ध्येय', 'व्यवहार में राष्ट्रभक्ति' तथा 'महाविद्यालय स्थान' जैसे विषयों पर मन्थन और प्रस्तुति हुई।

दोपहर के भोजन बाद शिविरार्थियों को 4 दिन में शान्ति पाठ, शान्ति मन्त्र, भोजन और जन्मदिन श्लोक, सूर्यनमस्कार बीजमंत्रों के अलावा राष्ट्रभक्ति गीत का अभ्यास करवाया गया।

प्रथम सत्र की भाँति दूसरे सत्र में भी 'जीवन प्रबंधन', 'युवाओं की भूमिका कल-आज-कल', विजन टू मिशन' और 'आदर्श नेतृत्वकर्ता के गुण और विकास' विषय पर क्रमशः राकेश नन्दनजी, शिवेश दत्त मिश्रजी, राहुल किशोरजी और स्वामी आगमानन्द जी ने मार्गदर्शन किया।

चाय पान के बाद शाम को डेढ़ घण्टे के संस्कार वर्ग में भाईयों-बहनों को अलग-अलग अज्ञाभ्यास, खेल-कूद, गीत-कहानी, जयघोष आदि करवाया गया।

उसके बाद नैपुण्य वर्ग के तहत संपर्क करने की कला, कार्यक्रम आयोजन करने की कला, कार्यपद्धति (हमारा प्रस्तुत कार्य) सिखाया गया था साथ ही युवाओं के अनेकों प्रश्नों का उत्तर दिया गया।

भजन संध्या में विभिन्न देवी-देवताओं का भजन आदि गाया गया। प्रार्थना के बाद रात्रि भोजन होती थी। उसके बाद 'प्रेरणा से पुनरुत्थान' के तहत मंडल सह अभिनय गीत, विविध खेल और नीलाम्बर-पीताम्बर, सतीश चन्द्र झा, तारा रानी श्रीवास्तव जैसे गुमनाम वीर-वीरांगनाओ की कहानी सुनायी गयी। उसके बाद हनुमान चालीसा करके दैनिक अवलोकन पश्चात शिविरार्थी गणबैठक करने अपने निवास में चले जाते थे। इस प्रकार गण प्रमुखों के साथ एक व्यवस्थित दिनचर्या और अनुकूल वातावरण में महाविद्यालय के इन युवाओं ने अपने जीवन के लिए बहुत ही प्रेरणादायी बातों को सीखा जो कि उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत ही कल्याणकारी साबित होगा।

इनके गणों का नाम भी उन गुमनाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखा गया था। जैसे- ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, ठाकुर निशान सिंह, भीकाजी रुस्तम कामा, फूलो-झानो, अमृता सहाय आदि।

 31 दिसम्बर 2022 को गण बैठक के बाद नगर सह बैठक हुई। फिर आ. मुकेश कीर जी ने आहुति सत्र में युवाओं को पढ़ाई के साथ - साथ राष्ट्र कार्य हेतु समय देने का आह्वान किया।

इस प्रकार से शिविर का सफलतम रूप में समापन हुआ।

इस शिविर में प्रान्त अधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार शर्मा (सह संचालक), सुधीरजी अम्बष्ठ (प्रान्त प्रमुख), विजय वर्मा (संपर्क प्रमुख), संजय किशोर (प्रतियोगिता अभियान संयोजक) और मुकेश कीर (प्रान्त संगठक) की रही।

 

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