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विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा गया द्वारा गीता जयन्ती उत्सव शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023 को प्रातः 7:30 - 8:45 को मां मथुरासिनी मंदिर, जनकपुर गया में मनाया गया। जिसमे कार्यकर्ता सहित ४९ लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ तीन ओंकार शांति पाठ एवं ऐक्य मंत्र से हुआ। कार्यक्रम में आगे बढ़ते हुए दीप प्रज्वलन पटना विभाग के सह संचालक एवं नगर संचालक संग श्रीमती नूतन भदानी और बबीता बरनवाल ने किया।

गीत और विवेक वाणी के पश्चात मुख्य वक्त प्रो. शिव शंकर गुप्ता, नगर संचालक ने आगंतुक का स्वागत किया और विषय प्रवेश पर चर्चा की। उन्होंने कहा गीता वैदिक ज्ञान, वेद के सिद्धांतों तथा सनातन जीवन शैली के आदर्शो की संयुक्त प्रस्तुति है। भगवान श्री कृष्ण ने इसके संदेशों के माध्यम से आनंदमय, आदर्श तथा सुखमय जीवन जीने की कला को बताया है। मानव जन्म का उद्देश्य जानने, जीवन के मूल सिद्धांत को समझने व उसे व्यवहार में लाने के लिए गीता का अध्ययन जरूरी है। तत्पाश्चात गीता श्लोक का गायन हुआ, जिसे वहां उपस्थित सभी लोगों के द्वारा दोहराया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पटना विभाग के सह संचालक प्रो. अरुण कुमार प्रसाद ने कहा कि गीता हिंदू धर्म का एक आधार स्तंभ है। गीता में नैतिक समस्या और उसके समाधान का सुंदर वर्णन हुआ है। गीता में निष्काम कर्म योग का प्रतिपादन हुआ है। निष्काम कर्म योग के अनुसार बिना फल पर ध्यान दिए कर्म करना चाहिए। कर्म का फल शुभ हो या अशुभ, इससे कर्ता का कोई संबंध नहीं होना चाहिए। गीता जीवन के प्रति एक स्पष्ट दृष्टिकोण विकसित करता है। उन्होंने कहा गीता आत्मा एवं परमात्मा के स्वरूप को व्यक्त करती है। भगवान श्री कृष्ण के उपदेश से  मनुष्य को उचित बोध की प्राप्ति होती है। यह आत्म तत्व का निर्धारण करता है।

प्रथम अमृत परिवार संकुल गया नगर (बिहार -झारखण्ड प्रान्त) के 5 संकुल परिवार की घोषणा गीता जयन्ती के पावन दिन पर किया गया।  कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र और केन्द्र प्रार्थना हुआ। कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति श्री सुधीर कुमार अम्बष्ठा,प्रान्त प्रमुख, बलिराम  शर्मा, वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं प्रबुद्ध जन आनंद कुमार, सुरेश सेठ की रही।

गया नगर द्वारा गीता जयंती का दूसरा कार्यक्रम केन्द्र कार्यालय डोभी रोड में भी कार्यकर्ताओं द्वारा मनाया गया।

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