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स्वामी विवेकानन्द सार्धशती (150वीं जयन्ती) समारोह पूरे देष में 12 जनवरी 2013 से 12 जनवरी 2014 तक मनाया जाएगा। आज जब राष्ट्र आध्यात्मिक, बौद्धिक, सामाजिक, राजनैतिक तथा राष्ट्रीय उदासीन्य और दुविधा के चैराहे पर खड़ा है तब उससे छुटकारा पाने तथा प्रेरणा प्राप्त करने के लिए यह समारोह एक सक्षम अवसर का लाभ देने वाला है।

सिटी रिपोर्टर, स्वामी विवेकानंद की १५०वीं जयंती को सार्धशती समारोह के रुप में मनाया जाएगा। पिंकसिटी प्रेस क्लब में रविवार को प्रेस वार्ता में स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति के संयोजक टोकेकर ने बताया कि समारोह के तहत १२ जनवरी 2013 से १२ जनवरी २०१४ तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Yuva Prerna Shibir at Rajesthanविवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, राजस्थान प्रान्त द्वारा आयोजित "उठो! जागो!!" युवा प्रेरणा प्रतियोगिता २०१२ में राजस्थान के सभी महाविद्यालय से ८७९० विद्यार्थीयो ने भाग लिया। इनमें से ३६७ प्रतिभागियो ने राष्ट्र सेवा में सक्रिय भागीदारी के लिये इस पांच दिवसीय निःषुल्क "बढ़ो युवा! गढ़ो भारत!!" युवा प्रेरणा शिविर में राष्ट्रप्रहरी होने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर अपने नए भवन में स्थापित

Gruh Praveshअजमेर २९ अप्रैल ! विवेकानंद केंद्र अजमेर शाखा अपने पुराने भवन जोकि श्रीनगर रोड स्थित प्रताप ऑटो मोबाइल के ऊपर स्थित था अब अपने नए भवन शिव मंदिर के पास, नई बस्ती भजन गंज में स्थानांतरित हो गया है.

उक्त नवीन भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः काल कलश यात्रा के साथ हुआ जिसमे प्रान्त संघटक रचना एवं श्री गायत्री महिला मंडल भजन गंज अजमेर की श्रीमती सुधा डोगरा के नेत्रत्व में ३१ महिलाओ की कलश यात्रा निकाली गई

Renu Literary Culture Exhibition reception Ajmerअजमेर में लोगों संस्कृति रेणु के प्रति भारी उत्साह, ३००० से अधिक लोगों ने दो दिनों में साहित्य प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

ईश्वर को प्राप्त करने के लिए संसार में अनेकानेक मार्ग हैं किंतु वेदान्त में ईश्वर कहता है कि कोई भी किसी भी मार्ग से मुझे भजे उसमें ही वह विलीन हो जाता है। स्वामी विवेकानन्द अपने समय से पूर्व के न केवल भारत अपितु सारे विश्व के समस्त दार्शनिकों, संतों, विचारकों की आभा जो समस्त मानवजाति का कल्याण करने के लिए कार्यरत है, को प्रकट करने वाले दिव्य रत्न हैं। रंग, लिंग, जाति, वर्ण, भाषा, भूषा तथा प्रान्त की बात नहीं, इन सभी से उपर उठकर प्रत्येक मनुष्य के भीतर परमात्मा के अंश का प्रकटीकरण का प्रयास करने वाला कोई दूसरा रत्नशिरोमणि विवेकानन्द के अलावा इस संसार में दूसरा कोई नहीं है।

Samskruti renu ratha a mobile libraryस्वामी विवेकानन्द के साहित्य और विचारों को जन जन तक, प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए संस्कृति-रेणु भारतीय संस्कृति तथा साहित्य चल प्रदर्शनी को एक पुस्तकालय का रूप भी  दिया गया है। जिसमें स्वामी विवेकानन्द के साहित्य को भली भांति प्रदर्शित किया गया हैं। १८ फ़रवरी, शनिवार को गोविंददेवजी मंदिर के सत्संग भवन में विवेकानंद केन्द्र राजस्थान की ओर से आयोजित ’’संस्कृति-रेणु’’ वाहन के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए विवेकानंद केन्द्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा. बालकृष्णन ने कहा कि केन्द्र का उद्देष्य भारतीयों को संगठित कर उनमें आत्मिक शक्ति पैदा करना है। केन्द्र शिक्षा, ग्रामविकास, स्वास्थ्य, योग एवं सूर्य नमस्कार के माध्यम से देश की युवापीढ़ी को जागृत करने का काम कर रहा है।

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